Sunday, July 14, 2013
Monday, July 1, 2013
UGC: अब दूरस्थ शिक्षा से नहीं कर सकेंगे एमफिल-पीएचडी
लखनऊ/ब्यूरो | अंतिम अपडेट 26 जून 2013 12:59 AM IST पर
दूरस्थ शिक्षा के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े पर ब्रेक लग गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने ऐसे नियम बनाए हैं कि अब दूरस्थ शिक्षा के नाम पर गोरखधंधा करने वालों की दुकानें बंद हो जाएंगी।
यूजीसी ने किसी भी विश्वविद्यालय द्वारा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से एमफिल और पीएचडी करवाने पर रोक लगा दी है। अभी तक विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा के नाम पर धड़ल्ले से एमफिल-पीएचडी करवाने का काम धंधा करते रहे हैं।
यूजीसी के नए नियमों के मुताबिक, कोई भी विश्वविद्यालय सिर्फ अपने संबद्ध कॉलेजों के माध्यम से ही कोर्स चला सकेगा। वह किसी प्राइवेट संस्थान के साथ मिलकर दूरस्थ शिक्षा के तहत कोर्स नहीं चला सकेगा।
इसके अलावा विश्वविद्यालय अपनी राज्य की सीमा के भीतर ही चलेगा। वह अन्य राज्यों में अपने स्टडी सेंटर नहीं खोल पाएगा।
निजी और डीम्ड विश्वविद्यालय किसी कॉलेज या संस्थान के साथ मिलकर डिग्री, डिप्लोमा व अन्य योग्यता प्रदान करने के लिए कोर्सेज नहीं चला सकेंगे।
अभी कई निजी विश्वविद्यालय अपने विभिन्न विशेष पाठ्यक्रमों के जरिए विश्वविद्यालयी डिग्रियां दे रहे हैं। यह निजी श्वविद्यालय अपने आपको विभिन्न विश्वविद्यालयों के अध्ययन केंद्र व प्रशिक्षण केंद्र बताकर गोरखधंधा कर रहे हैं।
सभी विश्वविद्यालय सिर्फ यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार ही स्नातक से लेकर परास्नातक स्तर तक के कोर्स चला सकेंगे। निजी विश्वविद्यालय सिर्फ अपने मुख्यालय पर ही चलेगा। वह पांच वर्ष बाद तभी अपना ऑफ कैंपस सेंटर खोल सकता है जब वह यूजीसी विनिमय वर्ष 2003 में बनाई गईं शर्तों को पूरा करता हो।
यूजीसी के सचिव अखिलेश गुप्ता ने सभी छात्रों व अभिभावकों को फर्जीवाड़ा करने वालों से सावधान रहने की सलाह दी है। उनका कहना है कि कोई भी छात्र व अभिभावक निजी विश्वविद्यालय व डीम्ड विश्वविद्यालय की मान्यता और उनके द्वारा संचालित कोर्सेज के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी यूजीसी से हासिल कर सकते हैं।
यूजीसी ने किसी भी विश्वविद्यालय द्वारा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से एमफिल और पीएचडी करवाने पर रोक लगा दी है। अभी तक विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा के नाम पर धड़ल्ले से एमफिल-पीएचडी करवाने का काम धंधा करते रहे हैं।
यूजीसी के नए नियमों के मुताबिक, कोई भी विश्वविद्यालय सिर्फ अपने संबद्ध कॉलेजों के माध्यम से ही कोर्स चला सकेगा। वह किसी प्राइवेट संस्थान के साथ मिलकर दूरस्थ शिक्षा के तहत कोर्स नहीं चला सकेगा।
इसके अलावा विश्वविद्यालय अपनी राज्य की सीमा के भीतर ही चलेगा। वह अन्य राज्यों में अपने स्टडी सेंटर नहीं खोल पाएगा।
निजी और डीम्ड विश्वविद्यालय किसी कॉलेज या संस्थान के साथ मिलकर डिग्री, डिप्लोमा व अन्य योग्यता प्रदान करने के लिए कोर्सेज नहीं चला सकेंगे।
अभी कई निजी विश्वविद्यालय अपने विभिन्न विशेष पाठ्यक्रमों के जरिए विश्वविद्यालयी डिग्रियां दे रहे हैं। यह निजी श्वविद्यालय अपने आपको विभिन्न विश्वविद्यालयों के अध्ययन केंद्र व प्रशिक्षण केंद्र बताकर गोरखधंधा कर रहे हैं।
सभी विश्वविद्यालय सिर्फ यूजीसी रेगुलेशन के अनुसार ही स्नातक से लेकर परास्नातक स्तर तक के कोर्स चला सकेंगे। निजी विश्वविद्यालय सिर्फ अपने मुख्यालय पर ही चलेगा। वह पांच वर्ष बाद तभी अपना ऑफ कैंपस सेंटर खोल सकता है जब वह यूजीसी विनिमय वर्ष 2003 में बनाई गईं शर्तों को पूरा करता हो।
यूजीसी के सचिव अखिलेश गुप्ता ने सभी छात्रों व अभिभावकों को फर्जीवाड़ा करने वालों से सावधान रहने की सलाह दी है। उनका कहना है कि कोई भी छात्र व अभिभावक निजी विश्वविद्यालय व डीम्ड विश्वविद्यालय की मान्यता और उनके द्वारा संचालित कोर्सेज के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी यूजीसी से हासिल कर सकते हैं।
Subscribe to:
Posts (Atom)